मनुष्य भी किसी अन्य जीव की तरह ही जन्म लेता है,जीवन यापन करता है और फिर मर जाता है | सभी जीवों में बुद्धि का विकास इतना नहीं है जितना मनुष्यों में है, वो सोच सकता है, अपना अस्तित्व जानता है और नेतृत्व भी कर सकता है |
पर क्या आपने कभी सोचा है कि मनुष्यों में ही इतना विकास क्यों है? जीवन का सही अर्थ क्या है? आखिर मनुष्यों के इस विकासशील जीवन का उद्देश्य क्या है? या मनुष्यों ने धरती पर यह जीवन क्यों प्राप्त किया है? अंत में किसी मनुष्य के बाद उसकी दौलत,सेहत सब ख़त्म हो जाता है तो उसे इस जीवन से आखिर क्या प्राप्त होता है ?
पर क्या आपने कभी सोचा है कि मनुष्यों में ही इतना विकास क्यों है? जीवन का सही अर्थ क्या है? आखिर मनुष्यों के इस विकासशील जीवन का उद्देश्य क्या है? या मनुष्यों ने धरती पर यह जीवन क्यों प्राप्त किया है? अंत में किसी मनुष्य के बाद उसकी दौलत,सेहत सब ख़त्म हो जाता है तो उसे इस जीवन से आखिर क्या प्राप्त होता है ?
ये प्रश्न सभी मनुष्य एक ना एक बार अवश्य सोचता है पर सटीक उत्तर कभी प्राप्त नहीं कर पाता है इसलिए हमनें इस लेख में इन्हीं कुछ प्रश्नों को मद्देनज़र रखते हुए कुछ विशेष तर्क दिए हैं जिन के माध्यम से आप इन्हीं कुछ प्रश्नों के उत्तर पा सकते हैं |