9 May 2020

भगवद गीता उपदेश : सफलता के लिए गीता का ज्ञान | गीता का असल महत्त्व

नमस्कार दोस्तों, हम सभी यह जानते हैं कि भगवद गीता हिन्दू धर्म का धार्मिक ग्रन्थ हैं जिसे सभी पूजते हैं, विश्व के सभी सफल Enterprenuer पर गीता का बहुत प्रभाव है |

पर क्या आप जानते हैं कि दुनिया में कई ग्रन्थ होने के बावजूद भी भगवद गीता जैसे ग्रन्थ को ही इतना सम्मान क्यों प्राप्त है?  क्यों आज सभी बिजनेसमैन सफल होने के लिए गीता में बताये गुणों का अनुसरण करते हैं ? क्या आप जानते हैं कि भगवद गीता का असली महत्त्व क्या है ?

भगवद गीता के उपदेश स्वयं भगवान कृष्णा के श्रीमुख द्वारा आज से लगभग 5100 साल पहले विश्व के सबसे बड़े युद्ध क्षेत्र व धर्म क्षेत्र कुरुक्षेत्र में दिए गए थे जो ना केवल हमें जीवन जीने के असली मकसद का बोध कराते हैं बल्कि हमें जीवन में सफल होने के लिए सभी जरुरी गुण से भी अवगत भी कराते हैं |

गीता ज्ञान

गीता उपदेश की गंभीरता 

आज के youth की भाषा में कहा जाये तो भगवद गीता अब तक की पहली और सबसे शक्तिशाली Motivational book है और यह उपदेश दुनिया में अब तक का सबसे बड़ा Motivational ज्ञान हैं जो दुनिया के सबसे पहले Motivational Speaker स्वयं भगवान् श्री कृष्णा द्वारा एक सबसे अद्भुत श्रोता यानी अर्जुन को बहुत ही कठिन परिस्थिति यानी अपार दवाब के समय दिए गए थे जब परम् योद्धा और धनुधर अर्जुन बिलकुल धीर हो चुके थे,उनकी शक्ति क्षीण हो गयी थी,वह असमंजस की स्तिथि में थे कि वे युद्ध करें या नहीं |

भगवद गीता का महत्त्व

हम सभी जानते हैं कि हमें गीता पढ़नी और सुननी चाहिए पर हम में से कितने लोग ऐसा करते हैं,कितने लोग ऐसे हैं जिनके घर पर गीता है | ज़्यादातर लोग जिन के घर पर यह महान ग्रन्थ मौजूद है क्या वह इसे पढ़ते भी हैं |

उदाहरण-
मेरे स्कूली दिनों में मेरा एक मित्र था जो काफी होशयार था,उसका परिवार जो काफी धार्मिक था रोज़ गाय,गीता,पीपल आदि पूजता था, उसका एक बड़ा भाई भी था जो बहुत ही पढ़ा-लिखा एवं होशियार था पर उसको किसी भी व्यापार में सफलता नहीं मिल रही थी फिर भी वह नए-नए व्यापार खोलता ही रहता था, एक दिन उसके भाई से बात हुई तो मैंने पूछा कि आप इतनी असफलताओं के बाद भी कैसे अभी भी नए व्यापर खोलने में लगे हुए हैं आपकी डिग्री के हिसाब से आपको कोई भी कंपनी अच्छी नौकरी दे सकती है, तो उन्होंने बताया कि वे व्यापर ही करने के इच्छुक हैं,यह उनका उद्देश्य(AIM) है और उन्हें व्यापार(AIM) के लिए यह लगन पूजा करने से मिलती है, वे रोज़ भगवान श्री कृष्णा की आराधना करते हैं,रोज़ हनुमान चालीसा पढ़ते हैं,रोज़ अपना धार्मिक ग्रन्थ गीता पूजते हैं |

अब आप ही बताएं कि वह रोज़ हनुमान चालीसा पढ़ते हैं, श्री कृष्णा की पूजा करते हैं, रोज़ गीता पूजते हैं तो भी वो कई असफलताओं के बाद भी नए व्यापर खोल रहे हैं,अपने उद्देश्य के प्रति तत्पर हैं और सफल होने का प्रयास कर रहे हैं,मतलब गीता को पूजने से ही उन्हें प्रेरणा मिलती है तो अगर वे भगवद गीता पूजने के साथ-साथ उसे पढ़े भी और उस में बताई गयी बातों को अपने जीवन में उतारें तो क्या वे इसी विश्वास के साथ सफल नहीं हो जायेंगे |

सिर्फ श्री कृष्णा और भगवद गीता को पूजने से वो प्रयासरत हो सकते हैं तो अगर उसे पढ़कर अपने जीवन में उतारें तो क्या से क्या न हो जाये |

यानी हमे गीता पढ़नी ही नहीं है बल्कि उसमे बताये गए गुणों को अपने भीतर भी स्थापित करना है, गीता में बताई गयी बातों का जीवन में पालन भी करना है |

गीता का असल मतलब

भगवद गीता में सिर्फ ऐसा नहीं कहा गया है-कि भगवान् की पूजा करो,उनका स्मरण करो,दिन रात भगवान की भक्ति करो, अरे यह सारी बातें तो इंसान को और निष्क्रिय बनाती हैं , भगवान की पूजा करें पर कर्म भी करें |

गीता श्लोक {२.४७}


गीता में तो स्पष्ट बताया गया है कि अपने व्यवहार,धर्म और शिक्षा के आधार पर सिर्फ कर्म करें फल की इच्छा ना करें,सदैव सत्य का साथ दे, अपने इष्ट देव की भक्ति करें ताकि आपका विश्वास धर्म के मार्ग पर सदैव बना रहे और अपने उद्देश्य की तरफ ही कर्म करें | ऐसी ही कई गुणों की बातें गीता में बताई गयी हैं |

कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन |
मा कर्मफलहे तुर्भुर्मा ते सङ्गोस्तवकर्मणि || { २-४७ }
अर्थ :- कर्म करने मात्र में तुम्हारा अधिकार है,फल पर कभी नहीं | तुम कर्मफल के हेतु काम मत करो और ना ही निष्क्रिय होओ |


इन बातों से आप यह ना समझें कि भगवद गीता सिर्फ हिन्दू धर्म के लोगों के लिए श्रेष्ठ है | भगवद गीता केवल एक धर्म के लोगों के लिए नहीं है बल्की यह तो सम्पूर्ण मानव जाती के लिए है | जो गीता उपदेशों को पढ़ेगा व उनका मन से पालन करेगा वह निश्चय ही सफल होगा |

गीता के प्रभाव

आज देश और दुनिया के कई व्यक्ति ऐसे हैं जिन्होंने गीता पढ़कर और उसे जीवन में उतार कर बड़ी-बड़ी सफलताएं हासिल की हैं और वे और आगे लोगो में भी इसका प्रसार कर रहे हैं |

इन्ही बड़ी शख्शियत में से एक है ये कुछ-

भगवद गीता द्वारा ख्याति प्राप्त4 मुख्य शख्शियत-स्वामी प्रभुपाद,डॉ विवेक बिंद्रा,आचार्य बालकृष्ण ,अरविन्द केजरीवाल


1-भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद

स्वामी जी ISKCON के संस्थापक हैं जिसे "हरे कृष्णा मूवमेंट" भी कहते हैं | स्वामी प्रभुपाद जी ने ही "भगवद गीता यथास्वरूप" की रचना हिंदी और अंग्रेजी दोनों वर्शन में की है | स्वामी जी ने देश ही नहीं विदेशों में भी कई ISKCON मंदिरो की स्थापना करवाई है और भगवद गीता का खूब प्रचार-प्रसार किया है | स्वामी जी ने कहा था कि यह गीता का ही प्रभाव है जिस के कारण वे यह सब कर पाए हैं |

2-डॉ विवेक बिंद्रा

विवेक बिंद्रा सर बहुत बड़ी शख्शियत हैं जो छोटे बिज़नेसमेनों को उनका बिज़नेस बड़ा करने के लिए एक मुहीम चला रहे हैं | इनकी खुद की कंपनी है -BADA BUSINESS,विवेक बिंद्रा जी बताते हैं कि उन्होंने गीता ज्ञान से ही यह सफलता प्राप्त की है | डॉ विवेक बिंद्रा जी भी भगवद गीता का खूब प्रसार अपने यूट्यूब चैनल पर करते हैं |

अपनी पढाई के बाद डॉ विवेक बिंद्रा जी को जब कोई मार्ग नहीं दिखा तो वह मार्गदर्शन के लिए वृन्दावन एक साधू बनकर रहने लगे जहाँ पर उन्होंने अपने गुरु बनाये और उनसे मार्गदर्शन लिया तब गुरु जी ने उन्हें भगवद गीता दी थी जिसे बिंद्रा जी ने कई बार पढ़ा और उन्हें सकारत्मकता का अहसास हुआ और गीता से ही आगे का मार्गदर्शन मिला, वे बताते हैं कि वह जो भी हैं भगवद गीता की वजह से हैं |

3-आचार्य बालकृष्ण

आचार्य बालकृष्ण जी आयुर्वेद शास्त्री और पतंजलि कम्पनी के CEO और कोफाउंडर हैं | इन्होने कुछ ही सालों में पतंजलि कंपनी को बहुत ही आगे बढ़ाया है | आचार्य बालकृष्ण जी बहुत ही धार्मिक है और भगवद गीता सहित कई ग्रथ पढ़ते हैं |

4-अरविन्द केजरीवाल

दिल्ली के सीएम अरविन्द केजरीवाल जी बहुत्त ही ईमानदार हैं जो ना केवल दिल्ली के सीएम बल्कि IIT से इंजीनियर और IRS अफसर भी रह चुके हैं | इन्होंने 2015 दिल्ली इलेक्शन में 70 में से 67 सीट्स हासिल की थीं | कोरोना महामारी में भारत में Lockdown के समय इन्होने एक इंटरव्यू में कहा था कि इस समय में लोग गीता के 18 अध्याय को 1-1 दिन में पूरा पढ़ सकते हैं |
दिल्ली इलेक्शन के टाइम भी कई इंटरव्यूज से पता चल था कि अरविन्द जी अपने बच्चों को रोज़ गीता की शिक्षा अवश्य देते हैं, वे जानते हैं कि गीता का महत्त्व क्या है और Present Generation के कैसे काम आ सकता है |

यह लोग ही नहीं ऐसे कई अनगिनत लोग हैं जो गीता पढ़कर सफल हुए है |

भगवद गीता FAQ

1-क्या भागवद गीता पढ़ लेने से हम सफल हो सकते हैं ?
उत्तर-जी हाँ. हम भगवद गीता पढ़ लेने से बिलकुल सफल हो सकते हैं पर ऐसा नहीं है कि आपने भागवद गीता एक बार पढ़ी और सोचें की अब सफल हो जायेंगे | आपको पहले गीता का असल मतलब जानना होगा जिसके लिए आपको इसका पाठ बार-बार करना होगा और जो सीख मिले उसको अपने जीवन में भी उतारना होगा और कर्म भी करना होगा | जब आप गीता उपदेशों को अपने जीवन में उतारना शुरू कर देंगे आपको अपने आप फर्क दिख जायेगा |

2-हम कई दिनों से गीता के श्लोक पढ़ते हैं पर फिर भी सफल नहीं हैं ?
उत्तर-सिर्फ गीता के श्लोक पढ़ने या रटने नहीं हैं इन्हे अपने जीवन में भी उतारना है | बिना गीता के गुणों को अपनाये आप इसके द्वारा सफल नहीं है |

3-क्या बिना गीता पढ़े सफल नहीं हो सकते ?
उत्तर-हो सकते हैं,पर जीवन के असल मूल्यों का पता गीता पढ़कर ही लगाया जा सकता है | कई बार आपने देखा होगा कि किसी के पास पैसा है तो सेहत नहीं है ,या किसी पर ज़्यादा पैसा नहीं है पर वो सेहतमंद है | गीता का पाठ करने से व्यक्ति जीवन के हर पहलु पर सफल हो सकता है |
और जब हमे पता है कि गीता पढ़कर हम सफल हो सकते हैं तो इधर उधर क्यों भटकें |

4-भगवद गीता पढ़ने का समय नहीं है ? कब पढ़ें
उत्तर-अब कुछ करने के लिए समय तो निकलना ही पड़ता है | आप चाहे तो गीता का सार कई ब्लॉग,वेबसाइट आदि पर पढ़ सकते हैं तो अगर लंच करते वक़्त,ट्रेवल के वक़्त आप चाहे तो ऑनलाइन गीता सार पढ़ सकते हैं |
आप कोई यूट्यूब चैनल पर भी गीता सार सुन सकते हैं |

अगर कोई सवाल हो तो comment कर अवश्य बताएं | 

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